Tuesday, January 1, 2019

2019 To Questions | इतिहास की मुख्य घटनाओं सहित

🌱🌱🌱 ⚜🕉⚜ 🌱🌱🌱

*🙏ॐ श्रीगणेशाय नम:🙏*
   *🙏शुभप्रभातम् जी🙏*
*इतिहास की मुख्य घटनाओं सहित..*

        *पञ्चांग-मुख्यांश*
     *📝आज दिनांक 👉*
   
   *📜 02 जनवरी 2019*
                  *बुधवार*
 *🏚नई  दिल्ली अनुसार🏚*

*🇮🇳शक सम्वत-* 1940
*🇮🇳विक्रम सम्वत-* 2075
*🇮🇳मास-* पौष
*🌓पक्ष-* कृष्णपक्ष
*🗒तिथि-* द्वादशी-26:12 तक
*🗒पश्चात्-* त्रयोदशी
*🌠नक्षत्र-* विशाखा-09:39 तक
*🌠पश्चात्-* अनुराधा
*💫करण-* कौलव-13:47 तक
*💫पश्चात्-* तैतिल
*✨योग-* शूल-26:02 तक
*✨पश्चात्-* गण्ड
*🌅सूर्योदय-* 07:14
*🌄सूर्यास्त-* 17:36
*🌙चन्द्रोदय-* 28:37
*🌙चन्द्रराशि-* वृश्चिक-दिनरात
*🌞सूर्यायण-* उत्तरायणे
*🌞गोल-* दक्षिणगोले
*💡अभिजित-* कोई नहीं
*🤖राहुकाल-* 12:25 से 13:42
*🎑ऋतु-* शिशिर
*⏳दिशाशूल-* उत्तर

*✍विशेष👉*

*_🔅आज बुधवार को 👉 पौष बदी द्वादशी 26:12 तक पश्चात् त्रयोदशी शुरू , सुरुप द्वादशी , सर्वार्थसिद्धियोग / अमृतसिद्धियोग 09:38 से , राजयोग 09:38 से 26:11 तक , प्रकृति दिवस / Nature Day व श्री जैनेन्द्र कुमार जयन्ती ।_*
*_🔅कल बृहस्पतिवार को 👉 पौष बदी त्रयोदशी 27:22 तक पश्चात् चतुर्दशी शुरु , प्रदोष व्रत , सर्वार्थसिद्धियोग 11:02 तक , अमृतसिद्धियोग 07:19 तक , विघ्नकारक भद्रा 27:22 से , मूल संज्ञक नक्षत्र 11:03 से , राहु पुन. / केतु उत्तराषाढ़ा में 11:59 पर , श्रीमती सावित्रीबाई फुले जयन्ती व श्री सतीश धवन स्मृति दिवस।_*

*🎯आज की वाणी👉*

🌹
*दुर्जनेन  समं  सख्यं*
     *प्रीतिं चापि न कारयेत् ।*
*उष्णो दहति चांगारः*
     *शीतः कृष्णायते करम् ॥*
*भावार्थ👉*
       _दुर्जनों की संगति कभी नहीं करनी चाहिये, उनका साथ कोयले के समान होता है, कोयला यदि गरम हो तो जला देता है और शीतल होने पर अंग को काला कर देता है।_
🌹

*2 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ👉*

1757 - राबर्ट क्लाइव ने नवाब सिराजुद्दौला से कलकत्ता (कोलकाता) को वापस छीना।
1899 - रामकृष्ण के आदेश के बाद साधु कलकत्ता (कोलकाता) स्थित बेलूर मठ में रहने लगे।
1941 - द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के हमले से ब्रिटेन के कार्डिफ शहर स्थित लेनडॉफ कैथेड्रल को भारी नुकसान।
1942 - द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना ने फिलीपींस की राजधानी मनीला पर कब्जा किया।
1954 -भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जिसकी स्थापना  2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गयी।
1954 - पद्म विभूषण पुरस्कार की स्थापना 2 जनवरी, 1954 में की गयी । पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है।
1973 - जनरल एस. एफ. ए. जे. मानिक शॉ को फ़ील्ड मार्शल बनाया गया।
1975 - बिहार के समस्तीपुर में जिले में एक बम विस्फोट में रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा घायल।
1989 - रणसिंधे प्रेमदास श्रीलंका के राष्ट्रपति बने।
1991 - तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया।
1993 - श्रीलंका गृह युद्ध - श्रीलंकाई नौसेना ने जाफना क्षेत्र में 35 से 100 नागरिकों की हत्या की।
2001 - बांग्लादेश में 'फ़लवा' अवैध घोषित।
2002 - अर्जेन्टीना में 12 दिन में पांचवां राष्ट्रपति नियुक्त, देश दिवालिया घोषित।
2002 -  काठमाण्डू में दक्षेस विदेश मंत्रियों की बैठक प्रारम्भ।
2002 -  पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने के लिए सशर्त तैयार।
2008 - बलिया लोकसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर विजयी रहे।
2008 - सैन फ़्रांसिस्को में रहने वाली समन हसनैन वर्ष, 2002 की मिसेज पाकिस्तान वर्ल्ड चुनी गईं।
*इस पंचांग को सीधे हमसे प्राप्त करें👇*

https://www.facebook.com/groups/1677111972387804/

2008 -  चिली का दक्षिणी लाइमा ज्वालामुखी फटा।
2009 - रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया ने बाज़ार में 20 करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने का निर्णय लिया।
2009 - भारत के सौरभ घोषाल स्कवैश रैकिंग में कैरियर की सर्वश्रेष्ठ रैकिंग हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बने।
2010 - सोमालियाई जलदस्युओं ने इटली के जेनओआ से सोमालिया होते हुए भारत के कांडला बंदरगाह आ रहे सिंगापुर ध्वजवाहक एम.वी. प्रमोनी नामक रसायनिक जलपोत का अपहरण कर लिया।
2010 - उत्तर प्रदेश में घने कोहरे के कारण पाँच ट्रेनों की दुर्घटना में 10 यात्रियों की मृत्यु हो गई और 40 घायल हो गए।
2016 - सऊदी अरब के जाने माने शिया मौलवी निम्र अल निम्र और 46 अन्य साथियों को सरकार की ओर से फाँसी दी गई।

*2 जनवरी को जन्मे व्यक्ति👉*

1878 - मन्नत्तु पद्मनाभन - केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारक।
1905- जैनेन्द्र कुमार- हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक कथाकार और उपन्यासकार।
1906 - डी. एन. खुरोदे - प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी थे, जिनका भारत के दुग्ध उद्योग में योगदान।
1940 - एस. आर. श्रीनिवास वर्द्धन- भारतीय अमरीकी गणितज्ञ।
1970 - बुला चौधरी - प्रसिद्ध तैराक।

*2 जनवरी को हुए निधन👉*

1950 - डॉ. राधाबाई - प्रसिद्ध महिला स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सुधारका।
1950 - मौलाना मज़हरुल हक़ - स्वतंत्रता सेनानी थे।
1977 - अजित प्रसाद जैन - स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध राष्ट्रीय कार्यकर्ता थे।
1987 - हरे कृष्ण मेहताब - 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के प्रमुख नेता तथा आधुनिक उड़ीसा के निर्माताओं में से एक।
1989 - सफ़दर हाशमी - प्रसिद्ध मार्क्सवादी नाटककार, कलाकार, निर्देशक एवं गीतकार।
2010 - राजेन्द्र शाह- गुजराती साहित्यकार।
2011- बली राम भगत, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष।
2014 - अन्नाराम सुदामा, राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार ।
2018 - अनवर जलालपुरी - 'यश भारती' से सम्मानित उर्दू के मशहूर शायर थे।

*2 जनवरी के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव👉*

🔅 _प्रकृति दिवस / Nature Day ।_
🔅 _श्री जैनेन्द्र कुमार जयन्ती ।_

*कृपया ध्यान दें जी👉*
    *यद्यपि इसे तैयार करने में पूरी सावधानी रखने की कौशिश रही है। फिर भी किसी घटना , तिथि या अन्य त्रुटि के लिए मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है ।*

🌻आपका दिन *_मंगलमय_*  हो ।🌻

   ⚜⚜ 🌴 💎 🌴⚜⚜

Tuesday, September 4, 2018

Who was the first female recipient of Bharat Ratna?

The Bharat Ratna is the highest civilian award of our country. Instituted in 1954, the award is conferred "in recognition of exceptional service/performance of the highest order", without distinction of race, occupation, position, or sex.



The award was started by former President Rajendra Prasad on January, 1954. At that time only the alive people were eligible for their national service. Later these criteria were changed. The number of annual awards is restricted to a maximum of three in a particular year. The award does not carry any monetary grant. The recommendations for Bharat Ratna are made by the Prime Ministerto the President.



Indira Gandhi became the first woman to receive the Bharat Ratna award in 1971. She was also the first woman Prime Minister of India and served from 1966 to 1977. Indira Gandhi was named as the "Woman of the Millennium" in a poll which was organised by BBC in 1999.
Criticism: As the recommendations for Bharat Ratna are made by the Prime Minister of India to the President, the then Prime Minister Indira Gandhi was criticized for the honour.
Also these great personalities:
Mother Teresa - 1979


M.S Subbulakshmi - 1998



Lata Mangeshkar - 2001




What if 3-x=-4, then what is x equal to?

Here we see that.
3-x=-4,so value of x=to We have to arrange it variable one side and another side constant
  1. First put - x in right hand side it's sign will change it becomes x. Now put-4 to left hand side it becomes 4
  2. Now solve it. Like that
  3. 3+4=x
  4. 7=x. Value of x is 7.
I thinks you understood it

Tuesday, August 21, 2018

ाऄध्याय 01 : ाऄथथव्यर्वस्था की स्स्थस्त: स्र्वश्लेषणात्मक ससहार्वलोकन और नीस्तगत सांभार्वनाएां

पररचय
ाआस ाऄध्याय में स्र्वगत र्वषथ के साथ-साथ पूर्वथर्वती र्वषों के दौरान द्रकए गए प्रमुख सुधारों के ाअलोक में भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था का
स्र्वर्वरण प्रस्तुत द्रकया गया है। ाआस ाऄध् याय के ाऄांतगथत र्वैस्िक स्र्वकास की सांभार्वनाओं और ाऄांतर्थनस्हत जोस्खमों का स्र्वश्लेषण द्रकया
गया है। भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था के दृस्िकोण के ाऄांतगथत, ाईन कारकों का स्र्वश्लेषण द्रकया गया है जो ाऄथथव्यर्वस्था को स्र्वत्तीय र्वषथ
2018-19 में ाअगे बढा सकते हैं।
भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था की डीकसललग ाऄथाथत् ाऄपयुनमन
र्वषथ 2016 के पूर्वथ तक, जब ाऄन् य देशों की सांर्वृस्धि दर में स्गरार्वट हो रही थी, भारत की सांर्वृस्धि दर में र्वृस्धि हो रही थी। लेद्रकन द्रफर यह
स्स्थस्त पररर्वर्थतत हो गाइ। स्र्वि ाऄथथव्यर्वस्था में हाल के द्रदनों में सुधार ाअरांभ हुए हैं, लेद्रकन भारत की GDP सांर्वृस्धि दर तथा ाऄन्य
सांकेतकों जैसे औद्योस्गक ाईत्पादन, ाऊण और स्नर्वेश ाअद्रद में स्गरार्वट ाअाइ है। ाआसे“डीकसललग” के रूप में सांदर्थभत द्रकया गया है।
डीकसललग के कारण
 भारत की सांकु स्चत मौद्रिक स्स्थस्तयों ने ाईपभोग और स्नर्वेश को कम करने में योगदान द्रदया है और स्जसके कारण रूपए में
मजबूती ाअयी है, स्जससे स्नर्वल सेर्वाओं के स्नयाथत और स्र्वस्नमाथण व्यापार सांतुलन दोनों में ाऄर्वरोध ाईत्पन्न हुाअ है।
 स्र्वमुिीकरण और GST: स्र्वमुिीकरण से माांग में ाऄस्थायी रूप से कमी ाअयी है और स्र्वशेषकर ाऄनौपचाररक क्षेत्र में ाईत्पादन
बास्धत हुाअ। GST ने ाअपूर्थत श्ृांखला को भी प्रभास्र्वत द्रकया है।
 दोहरे तुलन पत्र की समस्या (TBS) के कारण स्नर्वेश में कमी ाअाइ है, स्जसने ाअर्थथक गस्तस्र्वस्धयों को बास्धत द्रकया हैं
पररणामस्र्वरूप सांर्वृस्धि दर में भी कमी हुाइ है।
 2017 से बढती तेल की कीमतें
 कु छ स्र्वशेष खाद्य पदाथों की कीमतों में तीव्र स्गरार्वट, स्जसने कृस्ष ाअय को प्रभास्र्वत द्रकया है।
भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था का ससहार्वलोकन
ाऄल् पार्वस्धक
स्र्वगत र्वषथ के दौरान, सरकार द्वारा कुछ बडे सुधार द्रकए गए थे। ाआन सुधारों के ाऄांतगथत GST को लागू करना, दोहरे तुलन-पत्रों
(TBS) की चुनौती से स्नपटने के स्लए की गाइ कारथर्वााआयाां, भारतीय द्रदर्वास्लयापन सांस्हता (IBC) के ाऄांतगथत समाधान तांत्र और
सार्वथजस्नक क्षेत्र के बैंकों के तुलन-पत्र को सुदृढ बनाने के स्लए पुन:पूांजीकरण पैकेज (GDP का लगभग 1.2%) सस्ममस्लत हैं।
 पहली छमाही में, भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था ाऄस्थायी रूप से"डीकललड" ाऄर्वस्था में थी (ऐसी स्स्थस्त जबद्रक शेष स्र्वश् र्व में र्वृस्धि हो
रही हो और ाआसमें स्गरार्वट हो रही हो)। हालाांद्रक, सशक्त समस्िगत ाअर्थथक ाअधारभूत सांकेतों सस्हत, भारतीय ाऄथथव् यर्वस् था
प्रमुख देशों के मध्य दूसरी सर्वथश्ेष्ठ प्रदशथन करने र्वाली ाऄथथव् यर्वस् था बनी रही।
 र्वषथ की दूसरी छमाही में, भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था में पुनाः सुधार के मजबूत सांकेत देखे गए। जैसे-जैसे ाअघातों के प्रभार्वों में कमी
हुाइ है, ाअर्थथक सांर्वृस्धि में सुधार हुाअ है, सुधारात्मक कारथर्वााइ की गाइ स्जसके कारण र्वैस्िक ाअर्थथक सुधार ने स्नयाथत को
बढार्वा द्रदया। ाआसके पररणामस्र्वरूप, भारत ने स्र्वि बैंक की ाइज ऑफ डूाआांग स्बज़नेस रैंककग में 30 ाऄांकों का सुधार द्रकया है और
स्र्वदेशी प्रत्यक्ष स्नर्वेश (FDI) में भी र्वृस्धि हुाइ।
हालााँद्रक राजकोषीय घाटे, चालू खाता घाटे और मुिास्फीस्त के ाऄस्धक होने के कारण समस्िगत ाअर्थथक स्स्थरता से सांबांस्धत सचताएां
ाऄभी भी बनी हुाइ हैं।
मध्यार्वस्ध
मध्यार्वस्ध के ाऄांतगथत, भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था के स्लए काइ सुधारों पर ध्यान द्रदए जाने की ाअर्वश्यकता है:
 सहकारी सांघर्वाद को बढार्वा देना। जैसा द्रक GST पररषद के गठन से स्पि है, सहकारी सांघर्वाद की भार्वना का ाईपयोग राज्य
के समक्ष ाईपस्स्थत करठन सांरचनात्मक सुधारों के समाधान हेतु द्रकया जाना चास्हए। ाईदाहरण के स्लए, साझा कृ स्ष बाजार का
स्नमाथण, ाऄक्षम और स्र्वखांस्डत स्र्वद्युत बाजारों को एकीकृत करना, ाऄांतरराज्यीय जल स्र्वर्वादों का समाधान, प्रत्यक्ष लाभ
ाऄांतरण (DBT) का कायाथन् र्वयन, सामास्जक लाभों को द्रकसी भी राज्य में पोटेबल रूप से सुलभ बनाना और र्वायु प्रदूषण का
समाधान करना।
 "बाहर स्नकलने (exit)" को ाअसान बनाना: स्र्वगत 50 र्वषों के दौरान भारत "सीस्मत प्रर्वेश के साथ समाजर्वाद से बाहर
स्नकलने की सांभार्वना के स्बना पूांजीर्वाद" की ओर बढा है। भारतीय द्रदर्वास्लयापन सांस्हता (IBC) और प्रस्तास्र्वत स्र्वत्तीय
समाधान एर्वां जमा बीमा (FRDI) स्र्वधेयक क्रमश: भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र और स्र्वत्तीय क्षेत्र में ाआस समस्या का समाधान
करेंगे।
 सरकारी सांसाधनों को युस्क्तसांगत बनाना: बैंक खाता, रसोाइ गैस, ाअर्वास, स्र्वद्युत् और शौचालय ाअद्रद ाईपलब्ध कराने में
महत्र्वपूणथ प्रगस्त हुयी है। हालाांद्रक, ाआस बढी हुाइ भौस्तक ाईपलब्धता का ाऄस्धक से ाऄस्धक र्वास्तस्र्वक ाईपयोग में पररर्वर्थतत
करने की ाअर्वश्यकता है जैसे: खुले में शौच जाने के स्थान पर शौचालयों का ाईपयोग, बैंक खातों का स्र्वत्तीय समार्वेशन हेतु,
रसौाइ गैस कनेक्शन का स्नरांतर गैस खरीद हेतु और ग्रामीण स्र्वद्युतीकरण का व्यापक घरेलू कनेक्शनों के स्र्वस्तार हेतु।
 भारत की दो ाऄांतर्थनस्हत समस्िगत ाअर्थथक सुभेद्यतायें हैं, स्जसके कारण राजकोषीय और चालू खाता, दोनों में स्र्वकृ स्त ाईत्पन्न
हो जाती हैI राजकोषीय सुभेद्यता को कम करने हेतुकर-GDP ाऄनुपात में र्वृस्धि करने और ाअकस्स्मक देनदाररयों का
र्वास्तस्र्वक देनदाररयों में रूपाांतरण को रोकने की ाअर्वश्यकता है (स्र्वस्शष् ट रूप से राज्य स्डस् कॉम ाऊणों और सार्वथजस्नक क्षेत्र के
बैंकों के पुन:पूांजीकरण के माध्यम से)।
o स्नयाथत को बढार्वा देकर चालू खाते की सुभेद्यता को कम द्रकया जा सकता है। ाआसकी प्रास्प्त स्र्वस्नमाथण क्षेत्र के पुनरूधि ार
और स्र्वस्नमाथण क्षेत्र की ाऄांतरराष्ट्रीय प्रस्तस्पधाथ को बढार्वा देकर द्रकया जा सकता है।
ब्याज एर्वां स्र्वस्नमय दर की राजनीस्तगतक ाऄथथव्यर्वस्था
 भ्रिाचार पर कायथर्वाही करने और ाआसकी लागत कम करने के मध्य सांतुलन बनाए रखना: भ्रिाचार और कमज़ोर प्रशासन पर
कायथर्वाही करने के महत्र्वपूणथ सामास्जक और ाअर्थथक हैं, लेद्रकन ाआसके स्नर्वारक ाईपायों में लागत और चुनौस्तयाां स्र्वद्यमान हैं,
जो स्र्वकास और ाऄनौपचाररक क्षेत्र को प्रभास्र्वत करती है (स्र्वमुिीकरण के कारण)। ाआस प्रकार नीस्त स्नमाथण के माध्यम से जहाां
तक सांभर्व हो ाआन लागतों को कम द्रकया जाना चास्हए।
दांड के स्थान पर प्रोत्साहन देने और पुरस्कृ त करने को ाऄस्धक बढार्वा देना चास्हए, स्टॉक प्रॉब्लम की तुलना में फ्लो प्रॉब्लम
(रेंट सीककग को प्रोत्सास्हत करने र्वाला नीस्तगत र्वातार्वरण) पर ाऄस्धक ध्यान के स्न्ित करना चास्हए।
 बाजार और राज्य, स्नजी पूांजी और सार्वथजस्नक सांस्थानों की भूस्मका के मध्य स्पिता होनी चास्हए। भारत में, राज्य और
बाजार की भूस्मकाओं को लेकर ाऄस्पिता की स्स्थस्त है। राज्य (कें ि और राज्य) की क्षमताओं पर ाअरोस्पत सीमाएां, स्र्वास््य
और स्शक्षा जैसी ाअर्वश्यक सेर्वाओं की ाअपूर्थत को प्रभास्र्वत करती हैं। साथ ही, ाआसी समय, यूस्नफााआड पेमेंट ाआांटरफे स (UPI)
द्वारा सांर्वृस्धि त प्रौद्योस्गकी और JAM (जनधन-ाअधार-मोबााआल) सांरचना के माध्यम से, ाआस प्रकार की क्षमताओं में महत्र्वपूणथ
सुधार द्रकया जा सकता हैं।
 मेटा चुनौस्तयों का समाधान: स्पछले र्वषथ की ाअर्थथक समीक्षा मेंतीन मेटा चुनौस्तयों की पहचान की गाइ थी: ाऄकु शल
पुनर्थर्वतरण की समस् या को कम करना; ाअर्वश्यक जन सेर्वाओं, स्र्वशेष रूप से स्र्वास््य और स्शक्षा के क्षेत्र में हुाइ सीस्मत प्रगस्त
को तीव्र करना और सांपस्त्त के ाऄस्धकारों, स्नजी क्षेत्र और मूल्य प्रोत्साहनों के प्रस्त ाऄस् पष् टता को कम करना। ाआस र्वषथ की
ाअर्थथक समीक्षा के ाऄांतगथत स्नम्नस्लस्खत नाइ समस् याओं यथा स्शक्षा, कृ स्ष और रोजगार की पहचान की गाइ है
स्नजी र्वस्तुओं और सेर्वाओं के स्लए सरकारी प्रार्वधान
 ग्रामीण भारत के 74% पररर्वारों के पास शौचालय हैं। हालाांद्रक, ाआनमें से के र्वल 91% पररर्वार र्वास्तस्र्वक रूप में ाआनका
ाईपयोग करते हैं।
 30 करोड से ाऄस्धक जन धन खाते खोले गए हैं। स्जसमें से लगभग 22 करोड जन धन खातों को ाअधार से जोडा गया है। ाआसके
ाऄस्तररक् त, जीरो बैलेंस रखने र्वाले खातों में भी तेज़ी से कमी हुाइ है।
 जनर्वरी 2018 तक, प्रधान मांत्री ाअर्वास योजना- ग्रामीण के ाऄांतगथत 16.3 लाख ाअर्वासों का स्नमाथण द्रकया जा चुका था और
ाआांद्रदरा ाअर्वास योजना के ाऄांतगथत 3.2 लाख ाअर्वासों का स्नमाथण द्रकया गया था।
 ाईज्जर्वला योजना के ाऄांतगथत 32 स्मस्लयन से ाऄस्धक गैस कनेक्शन प्रदान द्रकए गए हैं और ाआनमें से 79% कनेक् शन ररद्रफल के
स्लए र्वापस ाअए हैं।
भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था के स्लए ाअगे की राह
ाअगामी र्वषों के दौरान, सरकार को स्नम्नस्लस्खत कदम ाईठाने की ाअर्वश्यकता हैं:
 TBS के 4 R’s पर ध्यान के स्न्ित करना - मान्यता, सांकल्प, पुनपूूंजीकरण और सुधार (Recognition, Resolution,
Recapitalization and Reforms)। यह सुस्नस्ित करने की ाअर्वश्यकता है द्रक मुख्य ाऊणग्रस्त मामलों और सार्वथजस्नक
क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के पुनपूूंजीकरण की प्रद्रक्रया को सफल बनाया जाना चास्हए।
 स्नयाथतकों के स्लए ाऄस्नस्ितताओं को दूर करने हेतुGST कायाथन्र्वयन को स्स्थर रूप देने की ाअर्वश्यकता है, स्जससे स्नयाथतकों
के स्लये ाऄस्नस्ितता समाप्त की जा सके, सुगम ाऄनुपालन की सुस्र्वधा प्रदान करना और कर ाअधार में र्वृस्धि करना।
 एयर ाआांस्डया का स्नजीकरण करना, तथा
 यह सुस्नस्ित करना होगा द्रक व्यस्िगत ाअर्थथक स्स्थरता के समक्ष ाईत्पन्न नए जोस्खम दूर द्रकये जाएां जैसे तेल की ाईच्च कीमतें
तथा ाऄस्धक हो गयी ाऄस्स्त कीमतों में तीव्र एर्वां स्र्वघटनकारी सुधारों से बचार्व।
र्वैस्िक पररदृश् य
 ाऄांतराथष्ट्रीय मुिा कोष (IMF) के ाऄनुसार, र्वैस्िक ाऄथथव्यर्वस्था समस्न्र्वतप्राय: (near-synchronous) सुधारों की ओर बढ रही
है। लगभग तीन-चौथााइ देशों ने ाऄपनी सांर्वृस्धि दरों में सुधार का ाऄनुभर्व द्रकया।
 यह स्स्थस्त पुनरूत् थान र्वस्तुओं और सेर्वाओं के स्र्वि व्यापार में सुधार, कमोस्डटी की कीमतों में ाईछाल, समृधि क्षेत्रों में ाऄनुकूल
मौद्रिक नीस्तयों, ाईत्साही माांग की स्स्थस्तयों ाअद्रद से प्रेररत है।
हालाांद्रक भू-राजनीस्तक और भू-ाअर्थथक जोस्खम भी बने हुए हैं: कोररयााइ प्रायद्वीप में युधि , मध्य-पूर्वथ में राजनीस्तक ाईथल-
पुथल, साउदी ाऄरब (और रूस) द्वारा ाईत्पादन में भारी कटौती (स्जससे तेल की कीमतें और बढ सकती हैं), पूांजी स्नयांत्रणों के
रूप में चीन की ाऄप्रत् यास्शत ाऊण र्वृस्धि , सांर्वृस्धि में स्गरार्वट और व्यापार तनार्व ाअद्रद ।
 ब्याज दरों में सांभास्र्वत र्वृस्धि के कारण पररसांपस्त्त मूल्याांकन, बॉन्ड एर्वां ाआद्रिटी मूल्य में सुधार की सांभार्वना के कारण स्र्वकस्सत
ाऄथथव्यर्वस्थाओं में मैक्रोफााआनेंस के क्षेत्र में जोस्खम स्र्वद्यमान हैं।
र्वषथ 2017-18 के स्लए भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था का दृस्िकोण
ाअर्थथक गस्तस्र्वस्धयाां
 स्र्वस्भन्न सांकेतकों जैसे समग्र GVA, स्र्वस्नमाथण GVA, औद्योस्गक ाईत्पादन सूचकाांक (IIP), सकल पूांजी स्नमाथण और स्नयाथत में
तेज़ी से सुधार के सांके त स्मल रहे हैं। ाआसी प्रकार, र्वास्तस्र्वक ाऄखाद्य क्रे स्डट सांर्वृस्धि (real non-food credit growth) में पुन:
र्वृस्धि हुाइ है। दुबथल बैंक क्रे स्डट को ाअांस्शक रूप से प्रस्तस्थास्पत करके कापोरेट क्षेत्रक को प्रर्वास्हत द्रकए जाने र्वाले गैर-बैंककग
सांसाधनों जैसे द्रक गैर-बैंककग स्र्वत्तीय कां पस्नयों (NBFCs) से ाऊण लेने और बाांड बाजार ाईधारी में र्वृस्धि हुाइ है। ग्रामीण माांग
में सुधार हो रहा है।
 स्नयाथत र्वृस्धि में पुन: तेजी और ाअयातों में कमी से ज्ञात होता है द्रक स्र्वमुिीकरण और GST के प्रभार्वों में कमी हो रही है। सेर्वा
स्नयाथत और स्नजी स्र्वप्रेषण में भी पुन: तेज़ी ाअयी है।
 हालाांद्रक, ाआन सांके तकों में सकारात्मक र्वृस्धि हो रही हैं, लेद्रकन ाआस र्वृस्धि का स्तर क्षमता से कम बना हुाअ है। IIP में र्वृस्धि स्नम्न
है, ाईद्योग की र्वास्तस्र्वक ाऊण र्वृस्धि ाऄभी भी नकारात्मक बनी हुाइ है और स्र्वि व्यापार में सांर्वृस्धि एक दशक पहले के ाऄपने
स्तर के ाअधे से भी कम पर बनी हुाइ है। ाआसके ाऄस्तररक् त, ाआद्रिटी की कीमत स्नम न स्तर तक स्गर जाने के बार्वजूद स्नगमों की
पूांजी की मात्रा में ाऄनुपास्तक र्वृस्धि नहीं हुाइ है, स्जससे ज्ञात होता है द्रक ाईनकी स्नर्वेश योजनाएां सामन् य स्तर पर बनी हुाइ हैं।
समस्िगत-ाअर्थथक सांकेतक
 हेडलााआन मुिास्फीस्त में हाल ही में र्वृस्धि हुाइ है। हाल ही में हुाइ मुिास्फीस्त में र्वृस्धि के मुख्य कारण बढती र्वैस्िक तेल की
कीमतों, फलों एर्वां सस्ब्जयों की कीमतों में ाऄप्रत्यास्शत र्वृस्धि और 7र्वेंर्वेतन ाअयोग के ाऄांतगथत ाअर्वास द्रकराया भत्ता रहे हैं।
 2017-18 में चालू खाते घाटे में भी र्वृस्धि हुाइ है। ाआन घटनाओं के बार्वजूद, समग्र बाह्य स्स्थस्त सुदृढ बनी हुाइ है। चालू खाता
घाटा GDP के3% से भी काफी कम है, ाआस सीमा से ाऄस्धक चालू खाता घाटे के बढने पर सुभेद्यता की स्स्थस्त ाईत्पन्न हो
जाती है। ाआसी बीच, स्र्वदेशी मुिा भांडार लगभग 432 स्बस्लयन डॉलर के ररकाडथ स्तर पर पहुांच गया है।
राजकोषीय घटनाक्रम
 राजकोषीय घाटे ने स्नधाथररत मानदांडों का ाईल्लांघन द्रकया है, स्जसका मुख्य कारण गैर-कर राजस्र्व में कमी रही है, जो
सरकारी एजेंस्सयों और ाईपक्रमों के कम लाभाांश को प्रस्तसबस्बत करता है। बजट चक्र के एक महीने पहले ाअरांभ होने के कारण
व्यय में भी र्वृस्धि हुाइ है, स्जसने स्र्वस्भन्न एजेंस्सयों को ाऄस्ग्रम योजना बनाने और स्र्वत्तीय र्वषथ में ाईनका शीघ्र कायाथन्र्वयन करने
के स्लए पयाथप्त समय प्रदान द्रकया है।
क्या सरकारी बाजार ाईधारी ाऄांतर्थनस्हत राजकोषीय घाटे को प्रस्तसबस्बत करती हैं?
10-र्वषीय सरकारी प्रस्तभूस्तयों (g-secs) पर ब्याज दरों में स्नरांतर र्वृस्धि हो रही हैं, जो जुलााइ 2017 के ाऄांत के 6.4% से बढकर
1 जनर्वरी 2018 को 7.3% हो गाइ हैं। ाईस ाऄर्वस्ध में, नीस्तगत दरों सांबांधी पररदृश्य भी स्र्वकृ त हो गया था ,क्योंद्रक भारतीय ररजर्वथ
बैंक ने दरों में कटौती करने के स्र्वपरीत ाऄस्धक कठोर कदम ाईठाये थे। लेद्रकन ाआस प्रयास से दीघाथर्वस्ध में दरों में लगभग 1% की
र्वृस्धि होने की भी ाअशा नहीं है। ाऄांतरराष्ट्रीय दरों में भी पररर्वतथन नहीं हो रहा है, ाआसमें भी केर्वल मामूली र्वृस्धि हुाइ है। ऐसे में,
सरकारी प्रस्तभूस्तयों की दरों में ाऄचानक र्वृस्धि का क् या कारण हो सकता है?
ाआसका प्रमुख कारण स्र्वत्तीय बाजार सांबांधी सचताएां हो सकती हैंI ाआस रूप में द्रक सरकार द्वारा पूर्वथ में की गयी ाऄपेक्षा की तुलना में
ाऄस्धक सरकारी प्रस्तभूस्तयाां जारी की जाएांगी। स्नस्ित रूप से, यह सचता का स्र्वषय है द्रक सरकार (कें िीय और राज्य) का
राजकोषीय घाटा र्वास्तस्र्वक लक्ष्य से कहीं ाऄस्धक हो सकता है। लेद्रकन यद्रद राजकोषीय घाटा ाऄस्धक बढ जाता है, तो ाआसका स्र्वताः
यह ाऄथथ नहीं लगाया जा सकता है द्रक बाजार ाईधारी ाऄपेस्क्षत ाऄनुमान से ाऄस्धक हो जाएगी। दूसरे शब् दों में, बाजार ाईधारी
ाअर्वश्यक रूप से ाऄांतर्थनस्हत राजकोषीय घाटे को प्रस्तसबस्बत नहीं करता है। ऐसा ाआसस्लए है क्योंद्रक भारत में बाजार ाईधारी के र्वल
राजकोषीय घाटे से ही नहीं बस्ल्क एक ाऄलग भारतीय व्यर्वस्था द्वारा भी स्नधाथररत होती है, जैसे राष्ट्रीय लघु बचत स्नस्ध
(NSSF)।
ाऄस्नर्वायथ रूप से, सरकार को स्र्वस्भन्न बचत योजनाओं (ाऄपने घाटे से प्रेररत ाईधार के ाऄस्तररक्त) के रूप में लोगों से जमा रास्श प्राप्त
होती है, स्जसे NSSF में जमा द्रकया जाता है। र्वतथमान में, ये योजनाएां जमा एर्वां स्नकासी के समय बाजार दरों से ाऄस्धक ब्याज दर,
जोस्खम रस्हत स्नर्वेश स्र्वकल्प और ाऄनुकू ल कर सुस्र्वधाएां प्रदान करती हैं। स्पि है द्रक ाआस प्रकार की सुस्र्वधाएां ाऄस्धकाांश स्नयस्मत
बचत योजनाओं पर ाईपलब्ध नहीं हैं। र्वषथ 2015-16 की ाअर्थथक समीक्षा में राष्ट्रीय लघु बचत स्नस्ध (NSSF) के ाऄांतगथत लघु
बचतकताथओं को दी जाने र्वाली ाऄांतर्थनस्हत सस्ब्सडी के पररणामों का ाऄनुमान लगाया गया था। लेद्रकन यहाां पर ध्यान देने योनय यह
है द्रक राष्ट्रीय लघु बचत स्नस्ध (NSSF) में होने र्वाला स्नर्वेश प्रर्वाह स्र्वायत्त होता है, स्जसका स्नधाथरण ाईसकी ाअकषथक स्र्वशेषताओं
के कारण होता है न द्रक राजकोषीय घाटे के ाअकर के ाअधार पर। ाआस स्र्वचार को स्नम्न प्रकार से दशाथया गया है।
स्नर्वल बाजार ाईधारी = राजकोषीय घाटा - राष्ट्रीय लघु बचत स्नस्ध सांबांधी स्नर्वल प्रर्वाह
द्रकसी द्रदए गए राजकोषीय घाटे के ाऄांतगथत, यद्रद राष्ट्रीय लघु बचत स्नस्ध (NSSF) के स्नर्वल प्रर्वाह में र्वृस्धि होती है तो बाजार
ाईधारी में कमी होनी चास्हए और यद्रद NSSF के स्नर्वल प्रर्वाह में कमी होती है तो बाजार ाईधारी में र्वृस्धि होनी चास्हए। बाजार
ाईधारी और ाआसस्लए सांबांस्धत सरकारी प्रस्तभूस्तयों की ाअपूर्थत ाआन स्र्वायत्त प्रर्वाहों के स्लए ाऄांतजाथत (endogenous) हैं। ाआसस्लए,
चाहे राजकोषीय घाटे में कमी ाअए या र्वह स्स्थर बना रहे, द्रफर भी बाजार ाईधारी में र्वृस्धि होने की पूणथ सांभार्वनाएां बनी रहती हैं।
राज्य सरकारों के स्तर पर, ाआसके स्र्वपरीत स्स्थस्त सही स्सधि हुाइ है। राज्यों ने राष्ट्रीय लघु बचत स्नस्ध (NSSF) पर ाऄपनी
स्नभथरता कम करने का स्र्वकल् प चुना है ताद्रक ाईनकी ाईधार लेने की लागत मेंकमी की हो सके । (र्वस्तुताः बाजार दरें, NSSF की
दरों से काफी कम होती हैं)। लेद्रकन ाआसने बाजार से ाईधार लेने की प्रर्वृस्त में र्वृस्धि की है। र्वषथ 2016-17 में, बाजार ाईधारी बढकर
लगभग 83,000 करोड रूपए होने के बार्वजूद राज्य सरकारों का सांयुक् त घाटा बढकर के र्वल 47,000 करोड रूपए ही रहा। ऐसा
ाऄनुमान है द्रक शेष रास्श का ाईपयोग NSSF देनदाररयों के भुगतान हेतु द्रकया जाएगा। दूसरे शब् दों में, राजकोषीय घाटे की तुलना
में बाजार ाईधाररयों में सकल घरेलू ाईत्पाद के 0.2 प्रस्तशत की र्वृस्धि हुाइ है।
 GST के ाऄपनी प्रारांस्भक ाऄर्वस्था में होने के बार्वजूद राजस्र्व सांग्रह में तीव्र गस्त से र्वृस्धि हुाइ है।
 स्र्वमुिीकरण और GST सस्हत, काले धन पर ाऄांकु श लगाने और कर औपचाररकीकरण को प्रोत्सास्हत करने हेतु सरकार द्वारा
ाईठाए गए कदमों से व्यस्क्तगत ाअयकर सांग्रह (प्रस्तभूस्त लेन-देन कर को छोडकर) में काफी र्वृस्धि हुाइ है। 2013-14 और
2015-16 के मध्य GDP के लगभग 2% से बढकर 2017-18 में सकल घरेलू ाईत्पाद का 2.3% तक पहुांच जाने की सांभार्वना
है, जो ऐस्तहास्सक रूप से काफी ाऄस्धक है। स्र्वमुिीकरण के पिात् करदाताओं की सांख्या में काफी र्वृस्धि हुाइ है। ाआनकी सांख्या
स्र्वगत छह र्वषों के दौरान औसत 6.2 लाख से बढकर नर्वांबर 2016 के बाद 10.1 स्मस्लयन हो गाइ हैं।
र्वषथ 2018-19 के स्लए भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था का दृस्िकोण
ाऄगर मैक्रो-ाआकनॉस्मक स्स्थरता को स्नयांत्रण में रखा जाता है, तो जारी सुधारों में स्स्थरता ाअएगी। यद्रद र्वैस्िक ाऄथथव्यर्वस्था ाआसी
प्रकार र्वृस्धि करती रही तो, सांर्वृस्धि दर लगभग 8% की मध्यार्वस्धक ाअर्थथक सांभार्वना की ओर बढ सकती है।
सांर्वृस्धि के दृस्िकोण को प्रभास्र्वत करने र्वाले माांग के घटक:
 र्वैस्िक सांर्वृस्धि में तेजी के कारण स्नयाथत माांग को बढार्वा स्मलेगा।
 स्नजी स्नर्वेश में र्वृस्धि होने का ाऄनुमान है, हालाांद्रक स्नजी स्नर्वेश में र्वृस्धि समाधान और पुन:पूांजीकरण की प्रद्रक्रया पर ाअधाररत
होगी। यद्रद शीघ्रता से यह प्रद्रक्रया ाअगे बढती है, तो तनार्वग्रस् त कमपस्नयााँ मजबूत स्र्वास्मत्र्व के स्नयांत्रण ाअ जाएांगी, स्जससे र्वे
पुन: व् यय करने की स्स्थस्त को प्राप्त कर सकें गी।
 ाईपभोग की माांग: ाआसका सकारात्मक पक्ष यह है द्रक 2018-19 में र्वास्तस्र्वक ब्याज दर में होने र्वाली सांभास्र्वत कमी से
ाईपभोग माांग को बढार्वा स्मलेगा। ाआसी समय, तेल की औसत कीमतों में र्वृस्धि से र्वास्तस्र्वक ाअय और व् यय में कमी ाअएगी।
ाआसके पररणामस्र्वरूप मुिास्फीस्त लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु कठोर मौद्रिक नीस्त के कायाथन्र्वन की ाअर्वश् य कता होगी। ाआसके
कारण र्वास्तस्र्वक ब्याज दरों में र्वृस्धि होगी तथा यह स्स्थस्त ाईपभोग में बाधा ाईत् पन् न कर सकती है।
 स्नयाथत में र्वृस्धि सेसांर्वृस्धि में भी र्वृस्धि हो सकती है।
 IBC प्रद्रक्रया का कायाथन्र्वयन: स्नजी स्नर्वेश को बढार्वा देने हेतुIBC ाईपायों को समय सेाऄपनाना और स्र्वीकृ स्त प्रदान करना
करना ाईच् च प्राथस्मकता होनी चास्हए।
 तेल की लगातार ाईच्च कीमतें (र्वतथमान स्तर पर), एक मुख् य जोस्खम बना हुाअ हैं। यह मुिास्फीस्त, चालू खाते, राजकोषीय
स्स्थस्त और सांर्वृस्धि को प्रभास्र्वत करेगा तथा समस्ि ाअर्थथक नीस्तयों को ाऄपेक्षाकृत ाऄस्धक सख्त बनाने के स्लए स्र्वर्वश करेंगी।
स्टॉक माके ट की तेजी को समझना: क्या भारत ाऄलग है?
स्र्वगत दो राजकोषीय र्वषों के दौरान, भारतीय स्टॉक माके ट ने काइ ाऄन्य प्रमुख बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदशथन द्रकया है। ाआस
र्वृस्धि का लाभ यह हुाअ है द्रक भारतीय स्टॉक माके ट की कीमत प्रस्तप्रास्प्त ाऄनुपात (price-earnings ratios) ाऄमेररका के स्टॉक
माके ट की कीमत प्रस्तप्रास्प्त ाऄनुपात से ाऄस्भसररत (convergence) हुाअ है। तथास्प ाआसी ाऄर्वस्ध के दौरान भारतीय और ाऄमेररकी
ाऄथथव्यर्वस्थाओं ने स्भन् न-स्भन्न मागों का ाऄनुसरण करती रही हैं:
 भारत में ाअर्थथक सांर्वृस्धि में स्गरार्वट के साथ स्टॉक माके ट में र्वृस्धि हुाइ है, जबद्रक ाऄमेररका में ाअर्थथक सांर्वृस्धि में र्वृस्धि हुाइ है।
 भारत की र्वतथमान कॉपोरेट ाअय/GDP ाऄनुपात, र्वैस्िक स्र्वत्तीय सांकट के समय से ही ाऄस्स्थर रही है, जबद्रक ाऄमेररका में यह
ाईच् च स् तर पर रही है।
 र्वास्तस्र्वक ब्याज दरों में काफी स्र्वचलन हुाअ है। ाऄमेररकी दरें नकारात्मक स्तर पर बनी हुाइ है, जबद्रक भारत में यह
ऐस्तहास्सक रूप से ाईच्च स्तर पर पहुाँच गाइ हैं।
तो द्रफर स् टॉक माके ट का ाऄस्भसरण क्यों?
ाआसके स्लए दो कारक ाईत्तरदायी हो सकते हैं:
 पहला, भारत में ाअय र्वृस्धि की सांभार्वनाएां बहुत ाऄस्धक हैं।
 दूसरा स्र्वमुिीकरण। स्र्वगत कुछ र्वषों के दौरान गैरकानूनी धन के स्र्वरूधि सरकार के ाऄस्भयान - ाईदाहरण के स्लए स्र्वमुिीकरण
ने सोने, पररसांपस्त्त ाअद्रद से प्राप्त होने र्वाले लाभों को कम द्रकया हैं। ाआसके पररणामस्र्वरूप स् टॉक माके ट के स्नर्वेश में र्वृस्धि हुाइ
है।
ाअगे की राह
 भारत लगभग 8% सांर्वृस्धि दर की ाऄपनी मध्यार्वस्धक ाअर्थथक सांभार्वना को प्राप्त करने के स्लए तैयार है। हालाांद्रक, ाईच् च स् टॉक
कीमतों के तीव्र सांशोधनों के कारण स्नर्थमत ाईभरते बाज़ारों की "सडेन स्टॉल (sudden stall)" स्स्थस्त के स्र्वरूधि सुरक्षा करना
ाअर्वश्यक है।
 ाअगामी र्वषथ के स्लए, राजकोषीय नीस्त का लक्ष् य तकथ सांगत राजकोषीय समेकन होना चास्हए ाऄथाथत् सांतुस्लत समेकन जो
क्रस्मक रूप से लेद्रकन स्स्थरता के साथ राजकोषीय घाटे को कम करे।
क् या स्नयाथत सांबांधी प्रोत्साहन कारगर होते हैं: 2016 का पररधान पैकेज
पररधान क्षेत्र से सांबांस्धत महत्र्वपूणथ सबदु:
 भारत में मस्हलाओं को सशक् त बनाने, रोजगार बढाने और ाअर्थथक र्वृस्धि में तेजी लाने की पररधान क्षेत्र में ाऄपार क्षमता
स्र्वद्यमान है।
 हाल के र्वषों में र्वैस्िक र्वस्त्र स्नयाथत में चीन का ाऄांशदान घट रहा है। हालाांद्रक, भारत ने ाऄभी तक ाआस ाऄर्वसर का लाभ नहीं
ाईठाया जबद्रक स्र्वयतनाम और बाांनलादेश जैसे देशों ने चीन द्वारा ररक्त द्रकए गए ाआस स्थान का शीघ्र लाभ ाईठाया है।
स्नयाथत पैकेज: राज्यों द्वारा र्वसूले गए ाऄप्रत्यक्ष करों को स्नस्ष्क्रय करने के स्लए राज्य की र्वसूस्लयों (ROSL) पर छूट सस्हत
पररधान क्षेत्र के स्लए 6,000 करोड रूपए का पैके ज प्रदान करना।
यहााँ तीन मुख्य स्नष्कषथ सामने ाअए हैं:
 ाआस पैकेज से मानर्व स्नर्थमत रेशों (MMF) से स्नर्थमत रेडीमेड कपडों (RMG) के स्नयाथत में र्वृस्धि हुाइ है और समय के साथ धीरे-
धीरे ाआसका प्रभार्व बढ रहा है।
 ाआस पैकेज का ाऄन्य रेशों (स्सल् क, कपास ाअद्रद) सेस्नर्थमत कपडों पर पयाथल त रूप से सकारात्मक प्रभार्व नहीं हुाअ था।
एक नीस्त का स्नस्हताथथयह है द्रक GST पररषद को GST से बाहर रखे गए ाईत्पादों (पेट्रोस्लयम और स्र्वद्युत) से ाईत् पन् न सस्न्नस्हत
करों (embedded taxes) और जो स् र्वयां GST से ाईत्पन्न (ाईदाहरण के स्लए, स्नर्वेश कर ाऊण स्जन्हें“टैक्स ाआन्र्वशथन” के कारण
प्रस्तबांस्धत द्रकया जाता है) होने र्वाले सस्न्नस्हत करों की गहन समीक्षा करनी चास्हए। ाआस समीक्षा द्वारा शीघ्र ही ाआन सस्न्नस्हत
स्नयाथत करों को समाप्त कर द्रदया जाना चास्हए, स्जससे भारत के स्र्वस्नमाथण स्नयाथतों को ाऄत् यस्धक प्रोत्साहन स्मल सके गा।


आर्थिक सर्वेक्षण का साराांश 2017-18 खांड-I एर्वां II

खांड : I .............................................................................................................................................................2
ाऄध्याय 01 : ाऄथथव्यर्वस्था की स्स्थस्त: स्र्वश्लेषणात्मक ससहार्वलोकन और नीस्तगत सांभार्वनाएां...................................................2
ाऄध्याय 02 : र्वस्तु एर्वां सेर्वा कर (GST) के पररप्रेक्ष्य में भारतीय ाऄथथव्यर्वस्था का एक नूतन प्रबोधक एर्वां सांस्क्षप्त स्र्वर्वेचन...............9
ाऄध्याय 03 : स्नर्वेश और बचत में स्गरार्वट तथा स्स्थस्त में सुधाराः भारत के सांबांध में स्र्वस्भन्न देशों का ाऄनुभर्व............................12
ाऄध्याय 04 : राजकोषीय सांघर्वाद और जर्वाबदेही में समन्र्वय : क्या ाआसमें स्नम्न सांतुलन ाऄर्वरोध है? .......................................14
ाऄध्याय 05 : क्या स्र्वकास में“स्र्वलांस्बत ाऄस्भसृस्त” एक बाधा बन जाती है? क्या भारत ाईससे बच सकता है?.............................18
ाऄध्याय 06 : जलर्वायु, जलर्वायु पररर्वतथन और कृ स्ष .....................................................................................................21
ाऄध्याय 07 : कन्या नहीं पुत्र चास्हए : क्या स्र्वकास ही ाआस समस्या का समाधान है? ............................................................25
ाऄध्याय 08 : भारत में स्र्वज्ञान एर्वां प्रौद्योस्गकी का रूपाांतरण .........................................................................................28
ाऄध्याय 09 : व्यर्वसाय करने को ाअसान बनाने का ाऄगला मोचाथाः समय से न्याय..................................................................32
खण्ड : 2 ......................................................................................................................................................... 35
ाऄध्याय 01 : 2017-18 में भारत के ाअर्थथक प्रदशथन का ससहार्वलोकन ..............................................................................35
ाऄध्याय 02 : राजकोषीय घटनाक्रम की समीक्षा...........................................................................................................39
ाऄध्याय 03 : मौद्रिक प्रबांधन और स्र्वत्तीय मध्यस्थता.....................................................................................................41
ाऄध्याय 04 : कीमतें और मुिास् फीस्त.........................................................................................................................44
ाऄध्याय 05 : धारणीय स्र्वकास, ाउजाथ और जलर्वायु पररर्वतथन..........................................................................................47
ाऄध् याय 06 : र्वैदेस्शक (बाह्य) क्षेत्र............................................................................................................................51
ाऄध्याय 07 : कृ स्ष और खाद्य प्रबांधन ........................................................................................................................55
ाऄध्याय 08 : ाईद्योग और ाऄर्वसांरचना........................................................................................................................58
ाऄध्याय 09 : सेर्वा क्षेत्रक........................................................................................................................................65
ाऄध्याय 10 : सामास्जक ाऄर्वसांरचना, रोजगार और मानर्व स्र्वकास ...................................................................................68

Monday, August 20, 2018

Rajasthan LDC 2018 Answer key pdf 2018 | Rpsc LDC Result 2018




Science Quastions 

Q 1. प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक हैं

Ans- मेथेन

Q 2. कौन उदाहरण थर्मोसटिंग बहुलक का है?

Ans- बैकलाइट

Q 3. यौगिक HC = C – CH2 – CH = CH2 का IUPAC नाम हैं

Ans.  (D) पेन्ट – 1. आइन – 4 – ईन

Q 4.  एरोमैटिक यौगिक का चयन कीजिए।

Ans. —

Q 5. CFC रासायनिक रूप से अधिक स्थायी होते हैं, क्योंकि इनमें नहीं होता है ?


Ans. (A) H

Q 6. जब आवर्त सारणी में ऊपर से नीचे की ओर आते हैं तो क्षार धातुओं का आकार ?

Ans. (A) बढ़ता है।

Q 7. प्लास्टर ऑफ पेरिस” का रासायनिक सूत्र है

Ans- CasO4.2H20

Q 8. क्षार धातुओं के अमोनिया में विलयन के लिए निम्न में से कौन सा कथन असत्य है?

Ans.  (D) प्रकृति प्रतिचुम्बकीय होती है।

Q 9. कौनसा पदार्थ क्लोरीन के साथ गर्म करने पर ब्लीचींग पावडर देता है ?

Ans.  (D) बुझा चूना

Q 10. निम्न में से कौन सा भौतिक परिवर्तन का उदाहरण ?

Ans. (A) कागज का फटना

Q 12. चूने के पानी में CO2 प्रवाहित करने पर, चूने का पानी हो जाता है –

Ans- दूधिया

Q 13. जब रासायनिक अभिक्रिया जाता है तब ?

Ans.  (D) सक्रियण ऊर्जा प्रभावित होती है।

Q 14. निम्नलिखित किस प्रक्रिया के दौरान हैबर प्रक्रिया में अमोनिया और लोह (Fe) की सतह के बीच बंध कमजोर पड़ता है एवं टूटता है?

Ans. —

Q 15. यदि 100 वॉट का बल्ब 10 घंटे काम में लिया जाता है, तो बिजली की मात्रा की खपत होगी ?

Ans. (B) 1 KWh (= 1 इकाई विद्युत)

Q 16. एक व्यक्ति की लम्बाई छः फीट है। उस पूरा प्रतिविम्व दर्पण में देखने के लिए एक दर्पण की न्यूनतम ऊँचाई है-

Ans. (B) 3 फीट

Q 17. एक दूर दृष्टि से पीड़ित व्यक्ति एक सामान्य दूरी पर रखी गयी किताब को एक सूक्ष्म छिद्र में से पढ़ सकता है, क्योंकि सूक्ष्म छिद्र से देखने पर ?

Ans.  (C) वह एक उत्तल लैन्स की तरह काम करता है।

Q 18. एक 2 कुलाम आवेश को 10 कुलाम आवेश के चारों ओर 3 मी त्रिज्या के एक वृत्ताकार पथ पर ले जाने में किया गया कार्य होगा ?

Ans.

Q 19. प्रकाश की एक किरण परावर्ती समतल सतह पर सतह के साथ 56° के कोण पर आपतित होती है। परावर्तन कोण का मान होगा।

Ans.  (A) 34°

Q 20. एक वस्तु पहले एक लैन्स से 24 सेमी की दूरी पर, और इसके उपरान्त लैन्स से 16 सेमी पर रखी जाती है। दोनों ही स्थितियों में वस्तु के प्रतिबिम्ब का आवर्धन समान है। लैन्स की फोकस दूरी है –


Ans. —

Q 21. विभिन्न मान के कई प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में जोड़कर उन्हें वैटरी से जोड़ने पर विभिन्न प्रतिरोधों में प्रवाहित होने वाली धारा एवं उनके सिरों के मध्य विभवान्तर ?

Ans.  (C) धारा का मान समान होगा लेकिन विभिन्न प्रतिरोधों के सिरों के मध्य विभवान्तर भिन्न-भिन्न होगा।

Q 22. एक प्रत्यावर्ती धारा जनित्र और दिष्ट धारा जनित्र में महत्वपूर्ण अन्तर है ?

Ans —

Q 23. एक प्रत्यावर्ती धारा की विद्युत मोटर में, कुण्डली में धारा की दिशा एक बार बदलती है कुण्डली के हर ?

Ans.  (C) आधे चक्कर में

Q 24. वह परिघटना जिसमें किसी एक चालक में बटन हुआ चुम्बकीय क्षेत्र दूसरे चालक में प्रेरित छ उत्पन्न करता है, कहलाती है :

Ans.  (B) विद्युतचुम्बकीय प्रेरण

Q 25. शुष्क सैल एक तरह का ?

Ans.  (A) प्राइमरी सैल है

Q 26. एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश है ?

Ans. (A) + 1.6 x 10-19 Coulomb /कुलाम

Q 27. एक उत्तल लैन्स को आवर्धक लैन्स (आवर्धक शीशा) के रूप में उपयोग करने के लिए, वस्तु को कहाँ रखा जाता है?

Ans. 

Q. 28. एक प्रिज्म में निम्नलिखित में से कौनसा रंग सबसे अधिक विचलित होता है ?

Ans. (D) नीला

Q 29. कौन-सा एक डेटाबेस मैनेजमैन्ट सॉफ्टवेयर नहीं है ?

Ans.   (D) Drupal

Q 30. एक वैश्विक पता (एड्स) है जो इंटरनेट पर संसाधनों का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है ।


Ans. (D) URL

12th August – Rajasthan LDC Paper 1 Answer Key ➽   Dowanload pdf

12th August – Rajasthan LDC Paper 2 Answer Key ➽    Dowanload pdf

Friday, August 17, 2018

Gk Questions INDIAN STATES – CAPITALS – CHIEF MINISTER – GOVERNOR

S.No Name of the
State

Capital Chief Minister Governor
1. Andhra Pradesh Hyderabad Chandrababu Naidu ES Lakshmi
Narasimhan

2. Arunachal
Pradesh

Itanagar Nabam Tuki JP Rajkhowa
3. Assam Dispur Tarun Gogoi Padmanabha
Balakrishna
Acharya
4. Bihar Patna Nitish Kumar Ram Nath Kovind
5. Chhattisgarh Raipur Raman Singh Balramji Dass
Tandon
6. Goa Panaji Laxmikant Parsekar Mridula Sinha
7. Gujarat Gandhinagar Anandiben Patel Om Prakash
Kohli
8. Haryana Chandigarh Manohal Lal Kaptan Singh
Solanki

9. Himachal Pradesh Shimla Virbhadra Singh Acharya Dev Vrat
10. Jharkhand Ranchi Raghubar Das Droupati Murmu
11. Karnataka Bengaluru Siddaramaiah Vajubhai Vala
12. Kerala Thiruvananthapuram Oommen Chandy Justice (Retd) P
Sathasivam

13. Madhya Pradesh Bhopal Sivaraj Singh
Chouhan

Ram Naresh
Yadav

14. Maharashtra Mumbai Devendra Fadnavis C Vidyasagar Rao
15. Manipur Imphal Okram Ibobi Singh Syed Ahmed
16. Meghalaya Shillong Mukul Sangma Shanmuganathan
17. Mizoram Aizawl Lal Thanhawla Lt Gen (Retd)
Nirbhay Sharma
18. Nagaland Kohima TR Zeilang Padmanabha
Balakrishna
Acharya
19. Odisha Bhubaneshwar Naveen Patnaik SC Jamir
20. Punjab Chandigarh Prakash Singh Badal Kaptan Singh
Solanki
21. Rajasthan Jaipur Vasundra Raje Kalyan Singh
22. Sikkhim Gangtok PawanKumar
Chamling

niwas
Dadasaheb Patil
23. Tamil Nadu Chennai J Jayalalitha Dr K Rosaiah
24. Telangana Hyderabad Chandrasekhar Rao ESL Narasimhan
25. Tripura Agartala Manik Sarkar Tathagata Roy
26. Uttar Pradesh Lucknow Akhilesh Yadav Ram Naik
27. Uttarakhand Dehradun Harish Rawat Krishan Kant Paul
28. West Bengal Kolkata Mamata Banerjee Keshari Nath
Tripathi

29. Jammu and
Kashmir

Sri Nagar (Summer)
Jammu (Winter)

Mufti Mohammad
Sayeed

NN Vohra